नाराज़गी उनसे रखना जिनको फर्क पड़ता है
नाराज़गी उनसे रखना जिनको फर्क पड़ता है ना की उनसे रखना जिनको फर्क तक नहीं तुम्हारे खामोश होने से,…
नाराज़गी उनसे रखना जिनको फर्क पड़ता है ना की उनसे रखना जिनको फर्क तक नहीं तुम्हारे खामोश होने से,…
ये मसरूफियत तो बस बहाना है दिल को बहलाने का ...... वरना कौन-सा लम्हा नहीं जिसमे तुम्हारा ख्याल …
I am in love with your smile, your voice, your body, Your laug h, your eyes, But most of all, I am…